दो मुसहर परिवारों के लिए इसी हफ्ते आवास निर्माण काम शुरू करवाने का बीडीओ को दिया निर्देश
अनुप सिंह
समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर पर संज्ञान लेकर गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार गुरुवार दोपहर को अचानक मेराल प्रखंड के बाना गांव स्थित मुसहर टोली पहुंचे। वे अपने साथ मेराल अंचल के सीओ यशवंत नायक को भी लेकर गए थे। यहां सर्वप्रथम उन्होंने स्थानीय बुजुर्गों से इस गांव के मुसहरों की पृष्ठभूमि, उनकी जमीन विवरणी, उनके परिवार जनों का विवरण और उनकी वर्तमान जीविका की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। स्थानीय बुजुर्ग भोला सिंह खरवार एवं अन्य लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस इलाके में बीते 40-50 सालों से मुसहर समुदाय के लोग रह रहे हैं, जिन्हें जमीनें भी बंदोबस्ती में मिली हुई थीं। कालांतर में 8-10 मुसहर परिवारों में से कुछ परिवारों के सदस्य या तो मर गए या पलायन कर गए और धीरे-धीरे इनकी संख्या घटती गई, आज यहां मौके पर तीन परिवार ही अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रहते हुये मिले। मुसहर परिवारों की जमीनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति के कुछ परिवारों ने अवैध दखल कब्जा कर वहां पर या तो घर बना लिए हैं या जोत कोड़ कर रहे हैं। अवैध कब्जा होने के बावजूद भी अभी लगभग एक एकड़ से अधिक भूमि खाली पड़ी है, जिस पर भविष्य में अवैध कब्जा न हो इसको लेकर अंचल अधिकारी मेराल यशवंत नायक को अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक कदम उठाने हेतु कहा, साथ ही निर्देश दिया है कि जिन लोगों ने मुसहर समुदाय की बंदोबस्त जमीनों पर कब्जा कर लिया है उन्हें चिन्हित कर व नोटिस कर उनसे कागजात मांगे और जरूरी पड़े तो नियमानुसार जमीन मुक्त भी करायें।
आवास निर्माण सुनिश्चित करवायें
भ्रमण के क्रम में एसडीएम को जानकारी मिली कि यहां के रामस्वरूप मुसहर तथा मनोज मुसहर के नाम से पहले से ही सरकारी आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हैं किंतु उनके आवास निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है। इस पर एसडीएम ने मौके पर ही मेराल बीडीओ सतीश भगत को फोन पर निर्देशित किया कि वे अपनी निगरानी में समन्वयात्मक सहयोग से इन दोनों मुसहर परिवारों के पूर्व-स्वीकृत आवासों का निर्माण इसी हफ्ते शुरू करवाना सुनिश्चित करेंगे।
राशन उपलब्ध कराया, पढ़ने को प्रेरित किया
अनुमंडल पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी ने यहां के इन तीनों मुसहर परिवारों को मौके पर ही चावल उपलब्ध करवाया। एसडीएम ने रामस्वरूप मुसहर की 13 वर्षीय पुत्री से पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा और उसे प्रोत्साहित किया कि यदि वह पढ़ना चाहती है तो उसका प्रवेश कस्तूरबा गांधी विद्यालय या किसी अन्य विद्यालय में करवा दिया जाएगा, साथ ही उसके कैरियर से संबंधित सभी प्रकार का सहयोग प्रदान किया जाएगा। परिवारों के अन्य छोटे बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी सरकारी योजनाओं द्वारा आच्छादित सुविधाओं से आच्छादित करने हेतु बीडीओ मेराल को निर्देशित किया गया। एसडीएम को स्थानीय स्तर पर जानकारी मिली कि इन परिवारों के बच्चे फिलहाल या तो कूड़ा कचरा चुनते हैं या फिर भीख मांगते हैं। इन सभी बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में आवश्यक उपाय करने के लिए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया।
अन्य गांवों के मुसहर परिवारों की समस्याओं के सर्वेक्षण का निर्देश
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि बाना ही नहीं बल्कि अनुमंडल क्षेत्र के अन्य ग्रामों के दूरदराज क्षेत्रों, पहाड़ों की तलहटी, जंगल से सटे इलाकों आदि में कई मुसहर परिवार छुटपुट संख्या में क्लस्टर बनाकर दयनीय हालत में निवास कर रहे हैं, उन्होंने निर्देशित किया कि महादलित एवं अंत्योदय से भी नीचे की आर्थिक स्थिति में खानाबदोश जीवन-यापन करने वाले इन परिवारों की समस्याओं तथा उनके न्यूनतम जीवन स्तर से जुड़ी आवश्यकताओं का सर्वेक्षण कर संबंधित बीडीओ और सीओ पूरी संवेदनशीलता के साथ जरूरी पहल करेंगे।