7 Jul 2025, Mon

AISMJWA द्वारा मंत्री-विधायक समेत एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को सौंपा ज्ञापन, पहली बार किसी संगठन ने एक दिन में रचा इतिहास

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रांची:आज ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन (ASIMJWA) के प्रदेश प्रवक्ता अरूण मांझी,सरायकेला-खरसावां जिला महासचिव संतोष साहू और पत्रकार राज हलधर ने एक ही दिन में मंत्री समेत एक साथ एक दर्जन से भी ज्यादा विधायकों को पत्रकारों के हित में बीमा,पेंशन,एक्रिडेशन,आवास और सुरक्षा कानून जैसी मूलभूत सुविधाओं को लागू करने के विषयों पर नौ सूत्री मांग पत्र सौंपा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पत्रकार संगठन के पदाधिकारियों द्वारा एक ही दिन में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को ज्ञापन सौंपकर रिकॉर्ड बनाया है।

झारखंड में बजट से पहले ही ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया द्वारा झारखंड के सभी विधायकों को सदन में पत्रकारों के हित में फाईल में ही अधूरी रह चुकी योजना पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना पर सदन में सवाल उठाने की जरूरत बताई थी। इसको लेकर विभिन्न जिलों में कुछ विधायकों को ज्ञापन और कुछ को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर जागरूकता अभियान चलाया गया था, ताकि सदन में पत्रकारों के मामले भी चर्चा का विषय बने।

सोमवार को ऐसोसिएशन के बैनर तले बजट सत्र के दौरान अरुण मांझी और संतोष साहू ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन,विधायक सविता महतो,जयराम महतो,विकास मुंडा,मंगल कालिंदी,समीर महंती समेत एक दर्जन से भी ज्यादा विधायकों को 9 सूत्री मांग पत्र सौंपकर एक रिकॉर्ड बनाया है।एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को ज्ञापन सौंपकर पहली बार संगठन के पदाधिकारियों ने साबित कर दिया कि झारखंड के पत्रकारों के हित में सिर्फ AISMJWA के पदाधिकारी और सदस्य ही सक्रिय और चिंतित हैं।

*जयराम और शशि भूषण मेहता उठा चुके हैं मांग*

इस सत्र में ऐसोसिएशन के द्वारा विधायकों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर सदन में सवाल उठाने का आग्रह किया गया था।इसी का असर हुआ कि यह प्रयास रंग लाया और जयराम महतो ने सबसे पहले पत्रकारों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का मुद्दा उठाया। दूसरा मुद्दा कल विधायक शशि भूषण मेहता उठाया और रांची,धनबाद और देवघर के तर्ज पर सभी जिलों में प्रेस भवन के निर्माण को मुद्दा बनाकर सवाल पूछा। इसी क्रम में ऐसोसिएशन का प्रयास है कि इस सत्र में अन्य विधायकों द्वारा भी पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मामले और हमलों को आधार बनाकर “पत्रकार सुरक्षा और सम्मान योजना” को लागू करने का सवाल पूछा जाए।

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