मझिआंव:नगर पंचायत के शहरी क्षेत्र में मुख्य सड़क पर रविवार को शाम पांच बजे सीओ के बगैर कोई आदेश के उनके सरकारी वाहन से जाकर उनके रसोइया पिंटू सिंह एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर सत्यप्रकाश विश्वकर्मा द्वारा वाहन जांच करने एवं टेम्पू चालकों को गाली -गलौज व मारपीट करने के मामले में 48 घंटे गुजर जाने के बाद भी दोनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। और जिला प्रशासन मौन है। जिसको लेकर ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि घटना के बाद सीओ प्रमोद कुमार द्वारा रसोइया के माफी मांगने के बाद उसे मझिआंव से हटा दिया गया। जबकि कम्प्यूटर ऑपरेटर सत्यप्रकाश पर कार्रवाई करने की बात बताई गई थी।
क्या है मामला
छुटी के दिन 27 जुलाई रविवार को शाम पांच बजे अंचल कार्यालय का कम्प्यूटर ऑपरेटर सत्यप्रकाश सीओ से उनके सरकारी वाहन का चावी लेकर उनके रसोइया पिंटू सिंह को लेकर बाजार गया और और दोनों सभी वाहनों की जांच करने लगे, तथा उन सभी वाहनों के चालकों को गाली- गलौज व मारपीट करने लगे। इस दौरान टेम्पू चालको में भगदड़ मच गई। और लोग अपना -अपना वाहन लेकर इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान लगभग एक घंटे तक मझिआंव की सड़कों पर हाई वोल्टेज ड्रामा चला। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के दौरान पिंटू सिंह द्वारा खुद को मझिआंव का सीओ बताया जा रहा था।
इधर थाना में दोनों आरोपियों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए आवेदन देने वाले टेम्पू चालक गहेड़ी गांव निवासी उपेन्द्र मेहता द्वारा कुछ लोगों के समझाने पर अपना आवेदन वापस ले लिया गया है। इस संबंध में मझिआंव नगर पंचायत वासियों का कहना है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। और उससे भी बड़ा दुर्भाग्य है कि बगैर अंचलाधिकारी के आदेश के उनका कर्मी उन्ही का सरकारी वाहन ले जाकर मझिआंव में तांडव एवं उत्पाद मचाता है और उसपर कोई कार्रवाई नहीं होती है। यह काफी आश्चर्य की बात है,जबकि पत्रकारों द्वारा इस मामले में पूछने पर सीओं प्रमोद कुमार के द्वारा सोमवार को साफ शब्दों में कहा गया था कि यह सरासर ग़लत है ,तथा दोनों को हटा दिया गया है ,लेकिन आंपरेटर सत्य प्रकाश विश्वकर्मा पर सीओं के द्वारा 48 घंटा बितने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, आपरेटर अंचल कार्यालय में उपस्थित पाया गया। जो पत्रकारों एवं लोगों को दिग्भ्रमित डरने वाली बात है।
इस संबंध में सीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि आज भी मैं अपने बात पर अडिग हूं,जांच कमेटी के द्वारा जांच करने के बाद आपरेटर पर कारवाई के लिए जिला को भेजने की बात कही।