जिला शिक्षा अधीक्षक ने जांचोपरांत दोषी पाया किन्तु नहीं हुई करवाई
अनुप सिंह
कांडी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम कहा कि राजकीय कृत+2 उच्च विद्यालय कांडी के कुछ शिक्षक श्रीमती विद्यानी बाखला आदिवासी महिला को प्रभारी के रूप में नहीं देखना चाहते थे। जब वे लोग कामयाब नहीं हुए तो 26.04.24 को प्रोजेक्ट इंपैक्ट की बैठक में अलाउद्दीन टीजीटी उच्च विद्यालय हरिहरपुर ( प्रतिनियोजित डायट रेहला ) के माध्यम से इन्हें परेशान करना चाहा। अलाउद्दीन पर तो डायट रेहला का भी मुहर लगा था किंतु इनके सहयोगी के रूप में आदित्य प्रसाद गुप्ता प्रभारी प्रधानाध्यापक हरिहरपुर भी साथ में कांडी विद्यालय पहुंचते है। जबकि उक्त बैठक में हरिहरपुर विद्यालय का नाम नहीं था।
अधिकृत रूप से अपने विद्यालय का प्रभार किन्हीं को सौंपे बगैर न ही विभाग को सूचित किए बिना विद्यालय अवधि में दूसरे विद्यालय का मीटिंग में भाग लेना एवं बैठक की कार्यवाही पंजी में लिखना, व शाम 6 भेजे यह यहीं रहना, और अंत में पंजी में इनके ही लिखावट में जालसाजी, छेड़छाड़ करना अपराधिक मानसिकता को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक का प्रथम एवं मूल कर्तव्य गुणवतापूर्ण शिक्षा, शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक सामाजिक एवं नैतिक दायित्वों का पालन करना होता हैं। किन्तु यहां शिक्षकों की आपसी गुटबाजी व राजनैतिक मानसिकता में क्षेत्र का भविष्य पीस रहा है। मनमानी ढंग से अभिलेख में छेड़छाड़ किया जो पूरी तरह कूट रचना को दर्शाता हैं।
हैरत की बात तो यह है कि जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा जांचोपरांत पत्रांक 1433/23/08/2025 के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच में उक्त दोनों शिक्षकों को दोषी करार देते हुए रिपोर्ट सौंपी है। किन्तु काफी लंबे वक्त बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
प्रिंस ने कहा कि मामला उजागर होने के बाद कुछ तथाकथिक लोग आरोपी आदित्य प्रसाद गुप्ता के पक्ष में आकर बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि आदित्य गुप्ता को जिला शिक्षा अधीक्षक ने पत्रांक 990/14.06.25 को आरोप के संबंध में पक्ष रखने हेतु बुलाया था। इसी दरम्यान दिनांक 17.06.25 को आदित्य गुप्ता ने उक्त बैठक में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। चंद लोग जो दोषी को संरक्षण देने का पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं उन्हें पहले पूरे मामले की वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है।
परिषद की मानना इस तरह की माहौल से क्षेत्र की शैक्षणिक वातावरण पर गहरा असर पड़ता है। उक्त मामले की छात्रहित में जितना जल्द निपटारा हो वहीं बेहतर है।मौके पर नगर सह मंत्री लक्की कुमार, सदस्य आयुष दुबे मौजूद रहे।