चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी प्रैक्टिशनरों को शामिल होने का आग्रह
अनुप सिंह
गढ़वा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से गुरुवार को सुबह 11 बजे से शहर के टाउन हॉल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला उपायुक्त–सह–जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव के निर्देश पर आयोजित की जा रही है, जिसमें जिलेभर के सभी मेडिकल प्रैक्टिशनर, निजी अस्पताल संचालकों, क्लिनिक प्रतिनिधि, कथित रूप से झोलाछाप चिकित्सकों और कुछ गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. जान एफ. केनेडी ने बुधवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि कार्यशाला में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से जुड़े प्रावधानों, चिकित्सकीय पात्रता के आधार पर उपचार की सीमा, तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। मौके पर डीपीएम गौरव कुमार एवं डीडीएम सुजीत कुमार मुंडा भी उपस्थित थे।
सिविल सर्जन ने बताया कि “ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे प्रैक्टिशनर हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद लोगों का इलाज करते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में कई बार अनजाने में गलतियाँ हो जाती हैं, जो आगे चलकर जटिल परिस्थिति उत्पन्न कर सकती हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी को सही जानकारी उपलब्ध कराना और जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाएगी, लेकिन ग्रामीण चिकित्सकों को यह अवश्य बताया जाएगा कि उन्हें किन कार्यों की अनुमति है और किनकी नहीं।
गढ़वा जिले में वर्तमान में 145 निजी अस्पताल एवं क्लिनिक तथा 35 अल्ट्रासाउंड केंद्र क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत हैं। इनमें सदर अस्पताल का एक अल्ट्रासाउंड केंद्र, एक निजी केंद्र जहाँ इकोकार्डियोग्राफी की सुविधा है तथा 33 अन्य निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र शामिल हैं।
कार्यशाला का एक विशेष आकर्षण प्रश्नोतरी सत्र होगा, जिसमें प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर स्वयं उपायुक्त और सिविल सर्जन देंगे। यह सत्र चिकित्सा सेवाओं से जुड़े कई व्यावहारिक मुद्दों पर स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
सिविल सर्जन ने जिले के सभी मेडिकल प्रैक्टिशनरों, निजी अस्पतालों व क्लिनिकों के प्रतिनिधियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों से अपील की है कि “जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु इस कार्यशाला में अवश्य शामिल हों।”