10 Dec 2025, Wed

“आइये खुशियां बाँटें” अभियान : तीन अति-दलित बस्तियों में पहुँची संवेदना की गर्माहट,कपड़े मिलते ही खिलखिला उठे

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सैकड़ों गर्म वस्त्र वितरित, 400 जरूरतमंदों को मिली ठंड से राहत

मुहिम से जुड़ने के लिए 6203263175 पर व्हाट्सएप करें

अनुप सिंह

गढ़वा: सदर अनुमंडल पदाधिकारी की अगुवाई में जन सहभागिता से चल रही मानवीय पहल “आइये खुशियां बाँटें” अभियान के अंतर्गत आज दिनभर में तीन अलग-अलग महादलित और दलित बस्तियों में पहुँचकर वितरण टीम ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों तक गर्म वस्त्र पहुँचाने का प्रयास किया। अभियान के सातवें दिन यानि शनिवार को चले इस अभियान में लगभग 500 गर्म कपड़े वितरित किए गए फलस्वरूप लगभग 400 जरूरतमंदों को ठंड से राहत पहुँचाई गई।

दिन की शुरुआत मझिआंव प्रखंड के खजूरी अन्तर्गत स्थित मुसहर टोला से की गई, जहाँ टीम ने छोटे बच्चों, किशोरों, महिलाओं और बुजुर्गों तक स्वेटर, जैकेट, टोपी, मोजे व अन्य ऊनी वस्त्र उपलब्ध कराए। ठंड के इस मौसम में गर्म कपड़े पाकर बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी।

इसके बाद टीम मेराल प्रखंड के खोलरा गांव स्थित मुसहर टोला पहुँची, जहाँ इन महादलित समुदाय के परिवारों के सभी सदस्यों के बीच गर्म वस्त्र वितरित कर राहत प्रदान की गई। मौके पर मौजूद महिलाओं और बुजुर्गों ने इस सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।

शाम को टीम मेराल प्रखंड के बाना गांव के किनारे स्थित मुसहर टोला पहुँची। यहाँ न केवल मुसहर परिवारों को, बल्कि आसपास के दलित समुदाय के लगभग 300 से अधिक लोगों को भी गर्म कपड़े दिए गए। वितरण के दौरान बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग उपस्थित रहे।

संजय कुमार ने बताया कि समाज के सहयोग से चल रहा यह अभियान तेजी से प्रभावी रूप ले रहा है। हर दिन कई टोले-बस्तियों में पहुँचकर जरूरतमंदों को सहायता पहुँचाई जा रही है।

सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य ठंड के मौसम में किसी भी जरूरतमंद परिवार को असहाय महसूस न होने देना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान समाज के दानदाताओं की उदारता और सामूहिक संवेदना का परिणाम है, जो लगातार बढ़ती जा रही है।

मुहिम से जुड़ने के लिए 6203263175 पर व्हाट्सएप करें

एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि जो भी स्वैच्छिक लोग इस मुहिम से जुड़ना चाहते हैं वह 6203263175 पर अपनी इच्छा व्हाट्सएप करके जाहिर कर सकते हैं उन्होंने दोहराया कि यह नंबर कॉलिंग नंबर नहीं है इस पर सिर्फ व्हाट्सएप्प संदेश ही भेजें कॉल नहीं करें। उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मुहिम से जुड़ सकते हैं जो सहयोग के रूप में कपड़े या किसी प्रकार का अनुदान तो नहीं दे सकते हैं लेकिन यहां से कपड़े उठाकर जरूरतमंदों तक बांटने के लिए अपना श्रमदान और समय दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने जन्मदिन सालगिरह या ऐसे ही किसी अन्य मौकों पर आप अपने इर्द-गिर्द कम से कम किसी एक जरूरतमंद व्यक्ति तक गर्म कपड़े जरूर पहुंचाएं।

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