मझिआंव: विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को विधानसभा सत्र में सिंचाई व्यवस्था की बदहाली और नगर निकाय सीमा निर्धारण में की गई अनियमितताओं का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों ही विषय सीधे तौर पर किसानों और आम जनता से जुड़े हुए हैं, इसलिए सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
नगर निकाय सीमा निर्धारण पर आपत्ति
विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने सत्र में आवाज उठाते हुए कहा कि मझिआंव नगर पंचायत और विश्रामपुर नगर परिषद क्षेत्र में ऐसे कई गाँवों को शामिल किए जाने पर भी आपत्ति जताई, जो नगर निकाय के निर्धारित मानकों और अर्हताओं को पूरा नहीं करते।
उन्होंने कहा कि इन गाँवों के लोगों को न तो नगर निकाय की सुविधाएँ मिल रही हैं और न ही वे ग्राम पंचायत की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक की प्रमुख माँगें:-
प्रभावित गाँवों का पुनः निष्पक्ष सर्वेक्षण कराया जाए। जो गाँव नगर निकाय के मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें पुनः ग्राम पंचायत में शामिल किया जाए।
इस संबंध में पूछे जाने पर विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए सरकार को इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।
नहर निर्माण के बावजूद किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि बरडीहा प्रखंड के कौवाखोह और कांडी प्रखंड के भरत पहाड़ी के बीच बांयी–बांकी सिंचाई नहर का निर्माण तो पूरा कर दिया गया है, लेकिन हजारों किसानों को अब तक इसका फायदा नहीं मिल सका है।
उन्होंने कहा कि नहर के पश्चिम दिशा में स्थित पहाड़ों और जंगलों से आने वाला बरसाती पानी डैम में संग्रहित नहीं हो पाता है, बल्कि नहर के नीचे से बहकर निकल जाता है। इसके कारण खेतों तक सिंचाई नहीं पहुंच पा रही है।
उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या नहर में साइड वॉल बनाकर ओवर-टॉपिंग के माध्यम से पानी प्रवाह सुनिश्चित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।