18 Apr 2025, Fri

एसडीएम की औचक निरीक्षण,जांच में डीलर द्वारा कम राशन देने की हुई पुष्टि, होगी कार्रवाई

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मुद्रित दर से अधिक कीमत पर शराब बेचते पाये गये सेल्स कर्मी

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी ने मेराल प्रखंड के चरका पत्थर पूर्वी के राशन डीलर संजय प्रसाद गुप्ता की राशन दुकान की औचक जांच की। जांच के दौरान राशन वितरण का कार्य किया जा रहा था। जब राशन ले चुके लोगों के थैलों व बोरियों को तौलवाया गया तो 35 की वजह 33 किलो वजन पाया गया। लाभुकों ने बताया कि उन्हें हर बार 35 के स्थान पर 33 किलो ही दिया जाता है, किंतु डर के चलते वे कहीं नहीं बोलते हैं। जब इस पर राशन डीलर संजय प्रसाद गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि हां वे एक दो किलो इसलिए कम देते हैं क्योंकि उनको गोदाम से ही कम वजन का बोरा मिलता है, किंतु राशन डीलर की उक्त बात मौके पर ही झूठी साबित हो गई जब गोदाम से मिले बोरों को वहीं तौलवाया गया तो 50 किलो के बोरे का वजन लगभग 50.5 किलो (बोरा सहित) पाया गया। इस घटतोली के मामले को एसडीएम ने गंभीरता से लेते हुए राशन डीलर को फटकार लगाई कि गरीबों के निवाला में सेंध लगाने का मामला क्षमा की परिधि से बाहर है, यह न केवल अनैतिक है बल्कि आपराधिक मामला है। संजय कुमार ने बताया कि डीलर के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु अनुशंसा की जा रही है।


सरकारी शराब दुकान में मुद्रित दर से अधिक कीमत पर भड़के एसडीओ

लगातार मिल रही शिकायतों के आलोक में शुक्रवार को संजय कुमार ने मेराल स्थित एक सरकारी शराब दुकान का गोपनीय तरीके से निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान देखा कि दुकान के कर्मी ग्राहकों से बोतल पर मुद्रित दर से 10- 20 रुपए अधिक ले रहे हैं, उन्होंने खड़े होकर कर्मियों और ग्राहकों के बीच इस अतिरिक्त शुल्क को लेकर नोक-झोंक और गहमा-गहमी भी सुनी। तत्पश्चात उन्होंने दुकान कर्मियों को अपना परिचय देते हुए उनसे पूछा कि वे अतिरिक्त चार्ज क्यों ले रहे हैं और यह अतिरिक्त राशि कहां जाती है। शराब दुकान पर मौजूद कर्मी पवन कुमार, कृष्ण मुरारी दुबे व छोटू गुप्ता ने बताया कि वे केएस प्लेसमेंट कंपनी की ओर से कार्यरत हैं तथा उक्त राशि वे अपना खर्च निकालने के लिए वसूलते हैं, इस पर उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि उनकी इस करतूत से सरकार का नाम खराब होता है, क्योंकि यह दुकान सरकारी दुकान है। इसलिए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं करेंगे। साथ ही संजय कुमार ने कहा कि वे इस औचक जांच का लिखित प्रतिवेदन दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा के साथ उपायुक्त एवं अन्य विभागीय पदाधिकारियों को भी दे रहे हैं।

एसडीओ ने बताया कि उक्त सरकारी शराब दुकान के बाहर शराब दुकान से संबंधित न कोई बैनर या बोर्ड दिखा और न ही कोई मूल्य तालिका मिली।

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