कांडी प्रखण्ड क्षेत्र निवासी सह भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामलाला दुबे ने मिडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे महत्वकांक्षी जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत का लाभ भारत सरकार योजना अनुरूप नहीं मिल पा रहा है। गढ़वा जिला अंतर्गत लगभग चार लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड बना है, लेकिन झारखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग ओर अस्पताल की उदासीनता के चलते गरीब रोगियों को दस प्रतिशत भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत गरीब परिवार का अभी तक आयुष्मान कार्ड ही नहीं बन पाया है। सदर अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए सैकड़ों लोग रोज चक्कर लगाते हैं ,लेकिन औपरेटर द्वारा साइड नहीं चलने या नेटवर्क का बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है, जिससे सदर अस्पताल के स्टॉप की मनमानी उजागर हो रहा है। लापरवाही का आलम यह कि निजी अस्पतालों में पहले आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए एडमिड कराया जाता है और एडमिड कराकर फिर बोला जाता है कि आपका आयुष्मान कार्ड से काम नहीं कर रहा है। इसलिए पैसा दीजिए तब आपका इलाज होगा। इस तरह का झांसा देकर मरीजों से मोटी रकम की उगाही की जाती है। यह बहुत ही गंभीर है और जांच का विषय है।
श्री दुबे ने कहा कि इसी तरह के मामला संज्ञान में आने पर तत्कालीन उपायुक्त राजेश कुमार पाठक के जांच में लगभग सात लाख रुपए के गमन का मामला उजागर हुआ था। भारत सरकार द्वारा निसख्त गरीब बेसहारा रोगियों की समुचित इलाज के लिए यह महत्वकांक्षी योजना लागू की गई है, लेकिन झारखंड सरकार और लापरवाह पदाधिकारी द्वारा सत प्रतिशत लागू करने में विफल हैं। जिला उपायुक्त महोदय से आग्रह है कि सभी छूटे हुए गरीब परिवार का आयुष्मान कार्ड बनवाया जाए, और निजी अस्पताल से मरीजों की ठगी पर जांच कर करवाई किया जाए।