मझिआंव व गढ़वा मुख्य सड़क के किनारे खड़े कई पेड़ सूख गए हैं। इससे हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बताते चले की गर्मी के इस मौसम में आंधी तूफान आ रही है और आने की संभावना अधिक है। लोग इस बात को लेकर अशांकित हैं, कि ऐसे में कभी भी इस व्यस्ततम सड़क पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि और जगहों की अपेक्षा इस क्षेत्र में अभी तेज हवा या आंधी का दौर शुरू नहीं हुआ है। पर यह माना जा रहा है कि इसका समय आ गया है। और सूखे पेड़ों के सड़क के किनारे पड़े रहने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। अगर देखा जाए तो इस सड़क मार्ग के बीच पचफेंड़ी से लेकर मझिआंव तक कई पेड़ सूख चुके हैं। यहां तक की सूखे हुए पेड़ से सटे 11 हजार धारा प्रभावित से लेकर अन्य धारा प्रवाहित केबल व नंगे बिजली की तार सहित सड़क से सटे ट्रांसफार्मर भी लगे हुए हैं। जिससे बराबर करंट प्रभावित होती रहती है। अगर सच कहा जाए तो आंधी तूफान आ जाने पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका दिखती है। जिससे जान माल की नुकसान हो सकती है।
सड़क के किनारे पेड़ न केवल सूख गए हैं। बल्कि दुर्घटना के भी दावत दे रहे हैं। इस सड़क मार्ग से सुबह से लेकर रात तक हजारों छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होती रहती है। आंधी या तेज हवा में ये सूखे पेड़ किसी वाहन पर गिर जाए तो लोग जख्मी भी हो सकते हैं। गौरतलब हो कि अगर समय रहते सूखे हुए पेड़ को नहीं हटाया गया तो कभी भी बड़ी नुकसान हो सकता है। बल्कि धारा प्रभावित भी टूट कर नीचे आ सकते हैं। जिससे अलग खतरा हो सकता है।
इधर प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि इस सड़क मार्ग से सैकड़ो मर्तबा सत्ताधारी जनप्रतिनिधि से लेकर जिले व प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारियों का आने जाने का दौर जारी है। लेकिन इस पर ध्यान कोई नहीं दे रहा है। लोगों का कहना है कि पेड़ गिरने की घटना के बाद ही विभाग की नींद टूटती है। और टूटेगी। लोगों ने जल्द से जल्द जनहित में सूखे हुए पेड़ को हटवाने की मांग संबंधित विभाग के अधिकारियों से की गई है। क्योंकि आने वाली मानसून के दिनों में इन सूखे पेड़ों के गिरने की खतरा प्रबल हो गई है। वहीं सड़क निर्माण कार्य के दौरान पेड़ नहीं हटाया जिससे सड़क भी अच्छा नहीं बना,। वहीं निरंतर वाहन भी दुर्घटना के सिकार हो रहे हैं।