निबंधन कार्यालय की गलती के कारण मझिआंव अंचल कार्यालय में म्यूटेशन के लिए प्राप्त हो रहे ऑनलाइन आवेदनों को खारिज किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन के लिए सीधे रजिस्ट्री ऑफिस से केवाला ऑनलाइन अंचल कार्यालय में भेज दिया जाता है,जिसमे गांव का नाम गलत अंकित किये जाने के कारण म्यूटेशन के आवेदन अस्वीकृत किया हो जा रहा है। निबंधन कार्यालय के इस गलती का खामियाजा अंचल क्षेत्र में भूमि खरीद करने वाले लोग भुगत रहे हैं।
इस मामले में नगर पंचायत के हल्का कर्मचारी सीताराम बढ़ाईक के द्वारा बताया गया कि सो मोटो के तहत पेपर लेस, और कंटेंट लेस म्यूटेशन की सुविधा रैयतों के लिए राज्य सरकार के द्वारा मुहैया कराई गई है। जिसके तहत केवल रजिस्ट्री के बाद सीधे निबंधन कार्यालय द्वारा संबंधित हल्का के लोगों में म्यूटेशन केस नंबर प्राप्त होता है एवं सभी औपचारिक जांच के बाद म्यूटेशन की कार्रवाई की जाती है परंतु नगर पंचायत के अधिकतम केवाला गलत ग्राम में ऑनलाइन केस नंबर के साथ भेजा जा रहा है। बढ़ाईक के द्वारा यह भी बताया गया की रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन प्राप्त हो रहे आवेदन में गलत नाम गलत गांव या अन्य गलत प्रविष्टि को सुधार करने का विकल्प नहीं होता है, जिसके कारण वैसे आवेदन को खारिज करना पड़ता है। ऑनलाइन आवेदन के खरीफ होने के बाद आवेदक को भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील दायर करना होता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर अंचल निरीक्षक धनलाल उरांव द्वारा बताया गया कि ऐसे मामले मुख्यतः नगर पंचायत के शहरी क्षेत्र के गांव में आ रहे हैं. जिसमें चंद्री, दुबेतहले, मझिआंव कला, मझिआंव खुर्द, पृथ्वीचक,रेसुआ,अखोरीतहले, मझगांवा इत्यादि में है। धनलाल उरांव के द्वारा यह भी बताया गया कि ऐसे मामले पिछले दो वर्षों से आ रहा है पहले ऑनलाइन प्राप्त हो रहे गलत ग्राम संबंधी म्यूटेशन केस की संख्या बहुत कम थी, परंतु वर्तमान में नगर पंचायत के अधिकतम म्यूटेशन के आवेदन गलत प्राप्त हो रहे हैं।जो रजिस्ट्री के बाद सीधे निबंधन कार्यालय द्वारा संबंधित हल्का में म्यूटेशन ऑनलाइन आवेदन भेजा जा रहा है। जिसमे आवेदन में गलत ग्राम इंट्री के सुधार के लिए आवेदक को भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील दायर करना होता है।
गौरतलब है कि ऑनलाइन अपील के बाद भी गलत ग्राम एवं अन्य त्रुटि का सुधार नहीं हो पा रहा है जिसके कारण 2025- 26 के वित्तीय वर्ष में ही दो माह के भीतर ऐसे कुल मामले की संख्या 28 हो चुकी है।
इन मामलों में विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं होने से लोगों में रोष व्याप्त है।
निबंधन पदाधिकारी को बताया गया है:सिओ
इस संबंध में अंचल अधिकारी प्रमोद कुमार के द्वारा बताया गया कि मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद इस पर कार्रवाई करते हुए पत्राचार करके निबंधन पदाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारीयों को इसकी सूचना दी गई है।