मझिआंव:- नगर पंचायत क्षेत्र में शामिल खजूरी नावाडीह ग्राम पंचायत को अलग करने को लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त को आवेदन देकर अलग करने की मांग की है। जिसको लेकर नेतृत्व करता नगर पंचायत क्षेत्र के युवा समाजसेवी ग्रीस पांडे विशेष जानकारी देते हुए बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्रों को अलग किया जाए। जिसको लेकर ग्रामीण ऑफिस सहभागी से आवेदन दिया गया है। वहीं दिए गए आवेदन में कहा गया है कि नगर पंचायत का गठन 2010 को हुआ है। जिसमें खजूरी नावाडीह ग्राम पंचायत भी शामिल है।जिसमे पांच गांव बीरबंधा,भूसूआ,खजूरी नावाडीह, आमर छेछरिया एवं बकोइया गांव शामिल हैं। उपरोक्त सभी गांव में हंड्रेड परसेंट कृषक एवं मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं।इस ग्राम पंचायत में 75% कृषि योग्य भूमि है।एवं 25 परसेंट पहाड़ी इलाका है।जिसमें ज्यादातर लोग कृषि पर आश्रित हैं। या यों कहा जाए कृषि प्रधान ग्राम पंचायत है। इस ग्राम पंचायत के लोगों पर अनावश्यक शहरी बोझ थोपा गया है। साथ ही कहा गया है कि नगर पंचायत के गठन के पश्चात लोगों द्वारा अनेकों बार विरोध किया गया है।लेकिन किसी ने यहां के किसान ग्रामीण की बात नहीं सुनी। हम सभी ग्रामीण को असहाय होकर मजबूरीबस नगर पंचायत को स्वीकार करना पड़ा। वहीं समाजसेवी ग्रीस पांडे ने कहा हम ग्रामीणों के साथ मिलकर हम इसकी लड़ाई तब तक लड़ेंगे जब तक नगर पंचायत क्षेत्र से सभी गांव अलग नहीं हो जाता है।
इधर इस मामले को लेकर खजूरी नावाडीह ग्राम पंचायत के समाजसेवियो,कृषको एवं सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण में एक आम सभा की। आम सभा के दौरान समाजसेवी गिरीश पांडे के नेतृत्व में आगे की करवाई करने का निर्णय लिया गया। आम सभा की बैठक में समाजसेवी प्रमोद पाल,अशोक शाह, अखिलेश पाल, दिलीप सिंह, भगवान शर्मा, सुखदेव पाल रामजस शर्मा एवं मुकेश मेहता सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण शामिल थे।