27 Aug 2025, Wed

चतरा में भारी बारिश का कहर: पति-पत्नी बहे, 5 हजार मुर्गियां मरीं…लोग ने कहा पूरी जिंदगी ऐसी बारिश नहीं देखी

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ब्यूरो रिपोर्ट

चतरा : जिले के पांच ब्लॉक में भंयकर बारिश हुई है । इतनी भारिश लोगोंं ने अपनी जिंदगी में नहीं देखी। नदियां, खेत, तालाब सब तररफ पानी ही पानी नजर आ रहा है । सबसे बुरी हालत तो पत्थलगढ़ा की है जहां कई गांव पानी में डूब गए । कच्चे मकान धराशायी हो गए । दुकानों, गोदामों में पानी भर गया जिससे लाखों का नुकान होने की खबर है । बाढ़ के जो हालात दिखे वो इस इलाके के लोगों ने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा था ।

कहां-कहां जल प्रलय?

पत्थलगडा, सिमरिया, गिद्धौर, सदर, इटखोरी और कान्हाचट्टी ब्लॉक में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। गिद्धौर में पति-पत्नी के पानी में बह जाने की खबर है, वहीं पत्थलगडा प्रखंड में सैकड़ों घरों और खेतों में बारिश का पानी घुस जाने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।

कई गांवों का संपर्क टूटा

लगातार बारिश के कारण पत्थलगडा प्रखंड मुख्यालय का संपर्क अन्य क्षेत्रों से टूट गया। बकुलिया नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, जिससे सिमरिया और आसपास के सात गांवों का संपर्क मुख्यालय से दिनभर कटा रहा। कई सड़कों और पुलों पर 3 से 4 फीट तक पानी बहने से आवागमन पूरी तरह बंद रहा।

स्कूल और बाजार बंद

हालात की गंभीरता को देखते हुए पत्थलगडा और आसपास के निजी व सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए। दुकानों और बाजारों में भी पानी घुस गया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ।

फसल और मवेशियों को भारी क्षति

लगभग एक हजार एकड़ में लगी धान, मक्का, टमाटर, मिर्च और धनिया जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। कई मवेशी और पक्षी बारिश व बाढ़ की चपेट में आकर मर गए। पत्थलगडा की एक महिला किसान के मुर्गी फार्म में 2000 मुर्गियों की मौत हो गई, जबकि अन्य किसानों को भी लाखों का नुकसान झेलना पड़ा।


आवास और बिजली व्यवस्था चरमराई

प्रखंड के 100 से अधिक कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। कई ट्रांसफार्मर और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से बिजली आपूर्ति बाधित रही। बनवारा स्थित स्वास्थ्य केंद्र की चारदीवारी भी गिर गई।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी समेत प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेते रहे। राहत और बचाव कार्य जारी है।

मौत और हादसों की खबरें

खैरा में वज्रपात से एक होमगार्ड जवान की मौत हो गई। नावाडीह में वज्रपात से एक दुधारू भैंस की मौत हुई, जबकि कई बैल और मवेशी बाढ़ में बह गए।

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