बरडीहा थाना क्षेत्र के ओबरा गांव में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा घटना में रविवार को ओबरा गांव निवासी मनोज उरांव की 10 वर्षीय पुत्री संजू कुमारी पर एक बंदर ने अचानक हमला कर दिया। बंदर के काटने से संजू के बाएं पैर बुरी तरह जख्मी हो गया। गांव के ही ग्रामीण बहादुर मौर्य, रंजीत कुमार, विकेश कुमार ने बताया कि इस बच्ची की माता-पिता घर पर कोई नहीं था इसके बाद हम लोगों ने घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत बच्ची को रेफरल अस्पताल मझिआंव लाया। वहीं अस्पताल के डॉक्टर वीर प्रताप सिंह के द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया। लेकिन इस घटना से परिवार और गांव के लोगों में दहशत बन गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले लगभग कई वर्षों से ओबरा गांव में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बंदरों के झुंड न केवल बच्चों और बुजुर्गों पर हमला कर रहे हैं, बल्कि किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसकी वजह से किसान हर साल आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं,और उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है।
इस ताज़ा हमले के बाद गांव में भय का माहौल है। लोग चिंतित हैं कि कहीं अगली बार उनके बच्चों पर हमला न हो जाए। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग द्वारा जल्द कदम उठाया जाए, ताकि गांव में सुरक्षा और शांति बहाल हो।
इधर इस संबंध में पूछे जाने पर भवनाथपुर रेंजर प्रमोद कुमार ने बताया कि बंदरों के काटने से मुआवजा का कोई भी प्रावधान नहीं है, फिर भी मैं अपने प्रयास से उस बच्ची को मुआवजा देने का प्रयास करूंगा। किसानों की हो रही फसल बर्बादी के संबंध में उन्होंने कहा कि बंदर अगर फसल बर्बाद करते हैं तो उसका कोई मुआवजा का प्रावधान नहीं है।