13 Dec 2025, Sat

एसडीएम की पहल लाई रंग, “आइये खुशियाँ बाँटें” अभियान के तहत वस्त्र वितरण हुआ शुरू, साहेब खुद से पहनाए कपड़े

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28 फरवरी तक सामूहिक सहयोग से प्रतिदिन चलेगा यह कार्यक्रम

पहले दिन हाथी से प्रभावित क्षेत्र में आदिम जनजाति परिवारों के बीच पहुंची टीम

छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को दिए गए गर्म कपड़े

अनुप सिंह

गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में “आइये खुशियां बाटें” नामक विशेष सहभागी सहायता अभियान की औपचारिक शुरुआत रविवार से की गई। यह अभियान 28 फरवरी तक प्रत्येक दिन संचालित होगा, जिसमें ज़रूरतमंद लोगों तक उनकी आवश्यकता की सामग्री पहुँचाने का प्रयास अनुमंडल पदाधिकारी एवं समाज के सक्षम लोगों के समन्वय से किया जाएगा।

अभियान की प्रेरणा और रूपरेखा पिछले सप्ताह आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम के दौरान उभरी थी, जब सदर एसडीएम संजय कुमार ने स्थानीय वस्त्र व्यवसायियों एवं सामाजिक रूप से संवेदनशील नागरिकों के साथ संवाद में इस पहल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इस मुहिम से जुड़ते गए और इसे एक सामूहिक सामाजिक प्रयास का रूप मिला।

अभियान के पहले दिन गेरुआसोती गाँव में ऊनी वस्त्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुछ माह पूर्व हाथियों के भय से बहेरवा पहाड़ से विस्थापित होकर यहां आए आदिम जनजाति के परिवारों जो फिलहाल तिरपाल व प्लास्टिक की सहायता से झोपड़ी बनाकर जीवनयापन कर रहे हैं, को गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए। लगभग 80 सदस्यों (बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक) ने इस सहयोग का लाभ उठाया।

इन परिवारों को पहले भी सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास का विकल्प सुझाया गया था और आज पुनः आवश्यक संवाद किया गया कि यदि वे सहमत हैं तो प्रशासन उन्हें उपयुक्त और सुरक्षित स्थान पर बसाने की प्रक्रिया प्रारम्भ करेगा।

आज के कार्यक्रम में समाज के सहयोगी वर्ग के सदस्य, गांव के मुखिया जगजीवन राम, गांव के सहायक शिक्षक तथा कई स्थानीय नागरिक भी उपस्थित रहे और उन्होंने इस सामाजिक अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

बच्चों को मोजे, जैकेट, स्वेटर, ऊनी टोपी आदि मिलने के बाद बच्चे खुशी से झूम उठे, वहीं महिला-पुरुष भी कंबल आदि गर्म कपड़े मिलने के बाद खुश नजर आए।

वहीं क्षेत्र के लोगों ने कहा कि अभी तक हम लोग ऐसा साहेब नहीं देखे थे,जो खुद इतने बड़े साहेब होके बच्चों एवं बुजुर्गों को खुद से कपड़े पहनाए। जैसा हम लोग साहेब का नाम, और सुनते थे, साहेब उससे भी आगे हैं।

मौके पर आयोजक सदस्य के रूप में मौजूद कमलेश अग्रवाल एवं उत्तम कमलापुरी ने कहा कि इस प्रकार की मुहिम से जुड़कर उन्हें बहुत आंतरिक खुशी मिली, उन्होंने समाज के तमाम अन्य सक्षम नागरिकों से भी इस मुहिम का हिस्सा बनने का अनुरोध किया।

संजय कुमार ने कहा कि प्रशासनिक सामाजिक सहयोग से जरूरतमंदों तक यथासंभव मदद का यह क्रम जारी रहेगा।

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