नई दिल्ली/धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में हाल ही में एक पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी और हमले की घटना ने पूरे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना की निंदा करते हुए ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया ने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
प्रीतम भाटिया ने अपने बयान में कहा, “राज्य में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले और दुर्व्यवहार की घटनाएं न केवल चिंताजनक हैं, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्रकारों की आवाज दबाने के प्रयास दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।”
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन को पूरी तरह निष्पक्ष रहते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ताधारी गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता पर लगाम लगाते हुए आवश्यक अनुशासनात्मक कदम उठाने चाहिए।
प्रीतम सिंह भाटिया ने आगे कहा, “हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं और सरकार से स्पष्ट संदेश की अपेक्षा करते हैं कि पत्रकारों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी राजनीतिक दल को यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि वे पत्रकारों को डराकर चुप करा सकते हैं। हम मूकदर्शक नहीं हैं और न रहेंगे।”
पत्रकारों के संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों में गंभीरता नहीं दिखाते, तो पत्रकार समाज को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे लोकतंत्र के प्रहरी पत्रकारों के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
धनबाद की यह घटना न केवल एक स्थानीय मुद्दा है, बल्कि पूरे देश के पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा मामला बन गया है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस पर कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई करती है।