मझिआंव प्रखंड क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय बिडंडा के हेड मास्टर पर उपायुक्त निर्देश के बावजूद भी एक माह गुजर गया। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक डिफॉल्टर मास्टर के विरुद्ध कार्रवाई नहीं किया जा सका है। जिससे कि उक्त विद्यालय के विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं अभिभावक ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा है कि कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग के पदाधिकारी की मिली भगत के चलते डिफॉल्टर हेड मास्टर पर कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। बताया कि अगर कार्रवाई नहीं किया गया तो विद्यालय में ताला बंद कर धरने पर बैठने पर मजबूर हो जाएंगे। हालांकि आखिरकार अंत में ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह को आवेदन देकर डिफॉल्टर हेड मास्टर को विद्यालय से स्थानांतरण करते हुए गबन की गई राशि की रिकवरी की मांग की है। दिए गए मांग पत्र में रामपुर पंचायत के मुखिया कुमारी छाया, बीडीसी गुलाब देवी, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जयराम चौधरी, सहित पूर्व के अध्यक्ष व ग्रामीण अभिभावकों द्वारा लिखित दिया गया है। जिसमें लिखा गया है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिडंडा के हेड मास्टर निरज तिवारी के द्वारा एमडीएम और विकास मद की राशि की घोटाला करने तथा बच्चों को मध्यान भोजन बंद कराने, तथा समिति के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने, जैसे अन्य कई मामले को लेकर आवेदन दी गई है। जिसे इससे पूर्व उपायुक्त को को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई थी। लेकिन उपायुक्त के आदेश का पालन नहीं किया गया। आवेदन की प्रतिलिपि शिक्षा अधीक्षक, एवं बीआरसी कार्यालय को भी दिया गया था। इधर उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश के आलोक में डीएससी ने गठित टीम के द्वारा लिखित गत 4 अप्रैल को आगे की कार्रवाई हेतु जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई थी। पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
इधर ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह को सामूहिक हस्ताक्षर युक्त आवेदन देकर डिफॉल्टर हेड मास्टर पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इधर मौके पर विधायक श्री सिंह को कहा की यह क्षेत्र आदिम जनजाति बहुल क्षेत्र से उक्त शिक्षक को हटाते हुए दूसरे शिक्षक को प्रतिनियोजित करने की मांग की है। जबकि विधायक श्री सिंह ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि डिफॉल्टर हेड मास्टर के विरुद्ध करवाई जरूर करवाई जाएगी।