झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु,मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह मजदूर किसान कामगार यूनियन झारखण्ड के केन्द्रीय अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद विश्वकर्मा व मंच के पलामू जिलाध्यक्ष विजय राम ने आज मेदिनीनगर के कचहरी प्रांगण में संयुक्त प्रेस बयान जारी कर उंटारी रोड प्रखण्ड के पलायन के शिकार सतबहिनी नौगढ़ निवासी दलित मजदूर सकेन्द्र राम(40 वर्ष) की कांडी अधौरा निवासी गायत्री कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी की साजिश से पिछले 10 मई को महाराष्ट्र के ठाने में दूसरे कार्यस्थल पर भेजते समय सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत पर गहरी चिंता व आक्रोश व्यक्त करते हुए घटना की उच्चस्तरीय जांच कर ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी को एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने व मृतक के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा व अन्य जरुरी सुविधाएं दिलाने की मांग राज्य के मा०मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन व मा० श्रम मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव,पलामू के नवपदस्थापित उपायुक्त श्रीमती समीरा एस व पलामू के श्रम अधीक्षक श्री एतवारी महतो से किया है।
जारी बयान में नेताओं ने मृतक की पत्नी सरिता देवी व ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी के बीच हृदयविदारक घटना के बाद हुई मोबाइल पर बातचित का ऑडियो जारी करते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति के निहायत गरीब मजदूर की विधवा के साथ दलित समझकर दुर्घटना व मुआवजा से पल्ला झाड़ने वाले ऐसे मजदूरों की सप्लाई करनेवाले जल्लाद ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए,क्योंकि दूसरे कार्यस्थल पर भेजते समय हुई दुर्घटना में मौत के लिए ,क्या ठेकेदार व कम्पनी जिम्मेदार नहीं हैं?
बयान में नेताओं ने कहा है कि ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी ने दिनांक 12 मई को एयर इंडिया के एम्बुलेंस से मृतक सकेन्द्र राम के शव को रांची से नौगढ़ भेजवाकर ना तो मृतक के परिवार से मिलना जरुरी समझा,बल्कि मृतक के काम क्रिया के लिए भी एक फूटी कौड़ी का सहयोग नहीं दिया?जबकि पिछले 6-7 वर्षों से मृतक सकेन्द्र राम रात दिन लगकर ओमप्रकाश चन्द्रवंशी जैसे निकृष्ट व गालीबाज ठेकेदार की कमाई का स्त्रोत बने हुए थे,जिनका आई कार्ड व हाजिरी स्लीप तक उपलब्ध है।
संयुक्त बयान में जेकेएम व एम०के०के०यू० नेताओं ने कहा है कि सरकारी निर्देश के बावजूद भी आप्रवासी मजदूरों के पलायन के पूर्व निबंधन व बीमा आदि प्रावधानों के रहते हुए भी कार्यस्थल पर मजदूरों के दूर्भाग्यपूर्ण मौतों पर उनके परिजनों को मदद के बदले अपमानित करने वाले सभी ठेकेदारों को प्रतिबंधित कर क्यों नहीं जेल भेजना चाहिए?
ज्ञातव्य है कि घर के एक मात्र रोजी-रोटी कमाने वाले सकेन्द्र राम की मौत के बाद उसकी पत्नी सरिता देवी,पुत्र- अनिकेत कुमार(19 वर्ष) पुत्री-पल्लवी कुमारी(17 वर्ष),पुत्री- पुष्पा कुमारी(14 वर्ष)
पिता-लखदेव राम(70 वर्ष),माता-पनपतिया देवी(65 वर्ष ) आदि पूरी तरह अनाथ व असहाय हो चुके हैं,जिनके समक्ष खाने तक के लाले पड़े हुए हैं।
ज्ञातव्य है कि संयुक्त प्रेस बयान के वक्त मृतक सकेन्द्र राम के उपरोक्त सभी परिजनों के अलावा छोटा भाई महेन्द्र राम,सनोज कुमार ,सुरज राम व पंकज उजाला आदि उपस्थित थे।