27 Aug 2025, Wed

“कॉफ़ी विद एसडीएम” में गौशाला संचालन, कांजी हाउस तथा गव्य विकास से जुड़े मुद्दों पर हुआ मंथन

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गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में गढ़वा को आदर्श जिला बनाने हेतु होगा प्रयास : एसडीएम

अनुप सिंह

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफ़ी विद एसडीएम” में आज गोपालकों एवं गौशाला समितियों के साथ बैठक की। इस दौरान गौशाला संचालन, अनाथ गोवंश, पंजीकरण और पशु संरक्षण, पशु तस्करी आदि से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में ज़िला पशुपालन पदाधिकारी एवं ज़िला गव्य विकास पदाधिकारी भी विशेषज्ञ सदस्य के रूप में उपस्थित रहे।

श्रीकृष्ण गौशाला के अद्यतन पंजीकरण पर विमर्श

बैठक में सर्वप्रथम श्रीकृष्ण गौशाला समिति के अध्यक्ष विनोद पाठक ने बताया कि यह गौशाला अविभाजित बिहार राज्य के काल से चली आ रही है, लेकिन बीच में समिति की संरचना और सदस्यों में कई बार परिवर्तन होने से अब नये सिरे से आधिकारिक पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि झारखंड सरकार के नियमों के अनुसार इसे मान्यता मिले और सरकारी अनुदान का लाभ मिल सके।

20 एकड़ भूमि का दावा और अतिक्रमण मुक्ति की मांग

गौशाला समिति के अध्यक्ष विनोद पाठक एवं कोषाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने दावा किया कि गौशाला के नाम पर कुल 20 एकड़ भूमि दर्ज है। इनमें 8.50 एकड़ सोनपुरवा और 11.50 एकड़ चेतना गाँव में है। सोनपुरवा बस स्टैंड के चारों ओर स्थित भूमि पर काफी अतिक्रमण होने की बात कही गई। उन्होंने एसडीएम से अनुरोध किया कि अतिक्रमणकारियों को हटाकर भूमि को मुक्त कराया जाए। समिति के सदस्यों ने यह भी बताया कि एसडीएम संजय कुमार की पहल से गौशाला भूमि का सीमांकन पूरा हो चुका है, जिसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।

लावारिस गोवंश की टैगिंग और कांजी हाउस निर्माण का निर्देश

एसडीएम संजय कुमार ने ज़िला पशुपालन विभाग एवं नगर निकायों को निर्देशित किया कि वे शहरी क्षेत्रों में पालतू और लावारिस गोवंश का विवरण तैयार कर उनकी टैगिंग करें, ताकि जरूरत पड़ने पर उनके वास्तविक मालिकों का पता लगाया जा सके।

प्रतिभागियों ने शहरी क्षेत्र में कांजी हाउस (पशु शरण गृह) स्थापित करने की मांग की। बताया गया कि पहले गढ़वा में कांजी हाउस था, जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में लावारिस पशु नहीं घूमते थे। एसडीएम ने स्वास्थ्य किया कि वे इस दिशा में नगर निकायों को आवश्यक निर्देश देकर समाधान का प्रयास करेंगे।

गोपालकों से अपील

बैठक में अधिकारियों और आमंत्रित सदस्यों ने क्षेत्र के सभी गोपालकों से अपील की कि दूध देना बंद कर चुकी गायों को सड़कों पर लावारिस न छोड़ें। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि समाज और धर्म के विरुद्ध भी है। सभी ने अपने-अपने स्तर से इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाने की सहमति दी।

पॉलीथीन में खाद्य पदार्थ फेंकने पर रोक की पहल

प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि नगर स्तर पर अभियान चलाया जाए कि लोग सब्ज़ी-फल के छिलके, बचे हुए खाद्य पदार्थ आदि पॉलीथीन में बंद करके सड़क पर न फेंकें। कई बार पशु इन पॉलीथीन को खा लेते हैं जिससे उन्हें गंभीर बीमारियाँ हो जाती हैं और कई मामलों में उनकी मौत भी हो जाती है।

पशु तस्करी रोकने का संकल्प

बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि यदि कहीं से अवैध रूप से रात के समय ट्रकों के माध्यम से गोवंशीय पशुओं की ढुलाई होती दिखाई दे तो लोग इसकी सूचना संबंधित थाना प्रभारी या सीधे एसडीएम को देंगे।

नगर परिषद और गौशाला समिति के समझौता पर हो अमल

श्रीकृष्ण गौशाला समिति के सचिव ने बताया कि पूर्व में नगर परिषद और समिति के बीच समझौता हुआ था जिसके तहत परिषद से निर्धारित राशि नियमित अंतराल पर गौशाला को मिलनी थी। लेकिन यह समझौता धरातल पर लागू नहीं हो पाया। यदि इसे क्रियान्वित किया जाए तो समिति को वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

गौशाला के वित्तीय संकट पर चिंता

गौशाला के सदस्यों ने बताया कि संसाधनों की कमी के कारण वे लावारिस, घायल और अनाथ पशुओं को समुचित रूप से नहीं रख पा रहे हैं। इस पर ज़िला गव्य विकास पदाधिकारी एवं पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि यदि समिति नियमानुसार झारखंड सरकार से निबंधन करवा ले तो उन्हें अनुदान मिलेगा जिससे गौशाला संचालन के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध हो सकेगी।

गोकुल ग्राम योजना पर चर्चा


बैठक में नवलेश धर दुबे ने बताया कि वर्ष 2005 में अचला नवाडीह में गोकुल ग्राम योजना के तहत ढाई एकड़ भूमि आवंटित हुई थी लेकिन अब तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है। इस पर एसडीएम ने शीघ्र ही ज़िला पशुपालन पदाधिकारी और गव्य विकास पदाधिकारी के साथ संयुक्त निरीक्षण करने की बात कही।

सुझावों पर होगा अमल

एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि गोपालन और गौशालाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी सुझावों पर कार्रवाई की जाएगी और गढ़वा को गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में एक आदर्श जिला बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

सहभागिता

इस दौरान विनोद पाठक, घनश्याम प्रसाद, रमेश कुमार दीपक, लकी मधेशिया, राजन ठाकुर, नैतिक कश्यप, नवलेश धर दुबे, प्रवीण जायसवाल, अनिल सोनी, मनोज पटनायक, अजय कुमार तिवारी, कन्हैया प्रसाद सिंह, मृत्युंजय कुमार शौण्डिक, मंतोष दास, धनंजय चौधरी, अरविंद चौधरी, प्रमोद कुमार तिवारी, आनंद कुमार, राम कुमार यादव, चंद्रेश कुमार, शंकर माली, सुधाकर द्विवेदी, शुभम चौबे, अभिषेक झा, शुभम केसरी, करण चंद्रवंशी, श्रीराम कुमार आदि ने विचार रखे।

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