रमना:- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा वातावरण को संरक्षित करने के लिए और नदियों के कटाव से संरक्षण के लिए 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से खनन एवं परिवहन का कार्य पूर्णता बंद रहता है। लेकिन यह बंदी केवल कागजों पर ही सीमित है। एनजीटी लागु लेकिन हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर एवं टीपर रात्रि में अवैध बालू लेकर मुख्य सड़क पर बेखौफ दौड़ते हैं, इनको शासन-प्रशासन की कोई भय नहीं यहां तक की अवैध बालू कारोबार में लगे लोग यह भी कहने से नहीं डरते हैं कि शासन-प्रशासन को मिलाकर हम लोग बालू बेचते हैं। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता इस प्रकार की अवैध बालू कारोबार द्वारा किए जाने वाले बात से आम आवाम के मन में शासन-प्रशासन से विश्वास उठने लगा है ।
शाम होते ही अवैध बालू गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाता है जो दिन के सुबह 7:00 बजे तक बेखौफ चलता है इससे पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही बालू खनन एवं परिवहन से प्राप्त होने वाले राजस्व का भारी नुकसान सरकार को हो रहा है एवं इस कार्य में लगे हुए बालू माफिया कारोबारी मालामाल हो रहे हैं सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों का कोई पालन नहीं होता इस क्षेत्र में 4000₹ से 5000₹ के दर पर मनमानी तरीके से अवैध बालू की परिवहन एवं विक्रय बेखौफ चल रहा है। जरुरत मंद ग्रामीण ऊंचे दर से बालू लेने को विवश है।