27 Aug 2025, Wed

सदर एसडीएम ने किया एक दर्जन खाद एवं उर्वरक दुकानों का औचक निरीक्षण,मिली गड़बड़ी

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निर्धारित राशि से अधिक दाम लेने की हुई पुष्टि, स्टॉक संधारण में मिली गड़बड़ी

दी गई हिदायत, पारदर्शिता अपनायें वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें

अनुप सिंह

गढ़वा के किसानों की ओर से मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने आज नगर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में स्थित एक दर्जन से अधिक खाद एवं उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। यह एहतियातन कार्रवाई कृषि कार्यों में खाद और उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए की गई।

जांचके दौरान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्टॉक रजिस्टर का मिलान किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी प्रकार की स्टॉक में हेराफेरी या कृत्रिम संकट न खड़ा किया जा रहा हो।

आम नागरिकों की सुविधा केलिए रेट लिस्ट का प्रदर्शन न करने वाले दुकानदारों को तत्काल निर्देश दिए गए कि वे स्पष्ट और अद्यतन दर सूची अपनी दुकानों के बाहर प्रमुखता से चिपकाएं।

लाइसेंस की वैधता की भी जांच की गई। कुछ दुकानों में दस्तावेजों में अनियमितता मिली, जिनके लिए कारण बताओ नोटिस निर्गत किए जा रहे हैं। साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया जा रहा है।

लगभग सभी दुकानों में 50 से 100 रुपए अधिक राशि लिये जाने की बात स्वयं विक्रेताओं ने स्वीकार की। इस पर विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे निर्धारित मूल्य से अधिक अतार्किक कीमतों पर खाद या उर्वरक की बिक्री न करें, अन्यथा उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान कुछ किसानों से मौके पर ही बातचीत कर उनकी समस्याओं को भी सुना गया। कई किसानों ने बताया कि कुछ दुकानदार स्टॉक न होने का बहाना बना रहे हैं, जबकि वास्तविकता में गोदामों में माल उपलब्ध है। इस पर एसडीएम ने कृषि से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि खाद-उर्वरक वितरण की मानिटरिंग कार्य को और अधिक पारदर्शी तरीके से करें।

स्थानीय स्तर पर जांच अभियान जारी रहेगा:

एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि प्रशासन किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और कोई भी दुकानदार यदि कालाबाजारी या जमाखोरी करता पाया गया, तो उसकी लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में यह जांच अन्य प्रखंडों में भी जारी रहेगी।

उन्होंने आम किसानों से भी अपील की कि वे किसी भी तरह की अनियमितता या परेशानी की सूचना सीधे प्रखंड कृषि पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी या अनुमंडल कार्यालय में दें, ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो।

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