कांडी प्रखण्ड के घटहुआँ कला पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजा घटहुआँ तक आने जाने के लिए विद्यालय स्थापना के 50 वर्ष बाद भी नहीं मिला रास्ता। इस विद्यालय की स्थापना 1975 में किया गया है।लेकिन आज भी विद्यालय तक आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। यहां पर वर्ग 1 से 8 तक कि कक्षाएं चलती है। विद्यालय में अध्ययन रत 149 बच्चे खेत के मेढ़ से होकर आना जाना करते हैं। विद्यार्थियों की यह मुश्किल भरी बरसात के मौसम में और बढ़ जाती है। कीचड़ और पानी से सना हुआ खेत का मेढ़ से आते जाते बच्चे बड़ी मुश्किल से किसी तरह स्कूल तक पहुंच पाते हैं। प्रतिदिन दर्जनों बच्चे कीचड़ में फिसलकर गिर जाते हैं उनके कपड़े कीचड़ में गंदे हो जाते हैं। विद्यालय में पदस्थापित पांच शिक्षकों जिसमें एक महिला शिक्षिका भी हैं। सभी को इसी स्थिति से गुजरना पड़ता है। वे भी कभी कभी फिसलन भरी रास्ते से गुजरते हुए फिसलकर गिर जाते हैं।
गाँव तक अच्छी पक्की सड़क है लेकिन गाँव से स्कूल तक लगभग 500 मीटर तक कि दूरी खेत के मेढ़ से होकर जाना पड़ता है।शिक्षक अपने वाहन को गाँव में हीं खड़ा कर पैदल स्कूल तक पहुंचते हैं। विभागीय पदाधिकारी भी इसी स्थिति से गुजरते हुए विद्यालय तक पहुंच पाते हैं। बरसात के मौसम में रास्ता सही नही होने के कारण बच्चों की उपस्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को गिरने के डर से विद्यालय नहीं भेजते।अगर रास्ता सूखा हुआ है तो बच्चों की उपस्थिति बढ़ जाती है। बच्चे अगर स्कूल आते जाते गल्ती से फसल लगे खेत में चल जाते हैं तो खेत मालिकों की डांट भी सुनना पड़ता है। विद्यालय के हेडमास्टर राजेश कुमार ने बताया कि बहुत मुश्किल है स्कूल तक पहुंचना। ग्रामीण रास्ता का कोई समाधान निकालने का प्रयास करें।
इस संबंध में मुखिया प्रतिनिधि अरुण राम ने कहा कि मैं स्कूल तक रास्ता के लिए काफी प्रयास किया हूँ लेकिन जिसकी जमीन है उनसे सहमति नहीं बन पा रही है।