कांडी-प्रखण्ड के गाड़ाखुर्द पंचायत व गाँव के नारायणपुर टोला पर रहने वाले लोगों को घर से बाहर आने जाने के लिए एक सुगम रास्ता भी नही है। इस टोले पर 20 से 25 घर हैं जहाँ पर लगभग 40 परिवार को आज तक एक रास्ता भी नही मिल सका है। एक कच्ची रास्ता है जो इस बरसात के मौसम में कीचड़ से सन गया है।जिस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है।स्कूल आने जाने वाले छोटे बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।इस टोले से गाड़ाखुर्द गांव में स्थित दो निजी विद्यालय में भी बच्चे पढ़ने जाते हैं।साथ ही एक सरकारी प्रावि में भी दर्जनों बच्चे पढ़ने जाते हैं।लेकिन कीचड़ से सने रास्ते से होकर विद्यालय आना जाना बच्चों के लिए परेशानी भरा है। रास्ता नही होने के कारण कुछ बच्चे स्कूल जाना भी छोड़ दिये हैं।लोगों ने बताया कि बेलहथ से नारायणपुर को जोड़ने वाला यही एक मात्र रास्ता है।इसी रास्ते से खरौंधा व बेलहथ के मवेशी भी सोन नदी में चरने जाते हैं। टोला के बगल से होकर भीम बराज से निकली बायीं नहर के ऊपर एक ग्रेड वन सड़क का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व किया गया है।लेकिन वर्तमान में गाड़ाखुर्द गाँव के कुछ लोगों द्वारा अपने खेतों तक पानी ले जाने को लेकर नहर की पूर्वी बाहीं को 10 से 15 फिट की लंबाई में काट दिया गया है।जिस कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया है।उस टोले पर निवास करने वाले राम सेवक राम,मनोज राम ,नरेश राम व सुरेश राम ने बताया कि नहर काट दिए जाने से हमलोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
गाड़ाखुर्द गाँव के सामने नहर काट दिए जाने से नहर का पानी आगे कसनप गाँव तक नही पहुंच पाता।नहर के बीच मे अवरोध खड़ा कर पानी को आगे जाने से रोक दिया गया है।ग्रामीणों ने बताया कि आज तक इस टोले पर रहने वाले लोगों को कोई मूलभूत सुविधा नही मिल सका है।आने जाने के लिए एक सही रास्ता भी नही है।
इस टोले पर अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं।सरकार और न स्थानीय प्रशासन हीं इस टोले के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।चुनाव के समय किए गए वादे को जनप्रतिनिधि जीत जाने के बाद भूल जाते हैं।आखिर कब इस टोले को खेवनहार मिलेगा।