मझिआंव: कला निवासी संतोष कुमार द्वारा शुक्रवार को अंचल पदाधिकारी श्रीमती कनक को पत्र देकर बोदरा एवं खरसोता गांव की खतियानी भूमि का ऑनलाइन कराने की मांग की गई है। साथ ही राजस्व कर्मचारी सीताराम बड़ाई पर भूमि ऑनलाइन करने के लिए 50 हजार रुपया मांगने का गंभीर आरोप भी लगाया गया है। दिए गए आवेदन पत्र में कहा गया है कि 8 सितंबर 2025 को अंचल कार्यालय में बोदरा गांव की 5 एकड़ 22.5 डिसमिल भूमि का ऑनलाइन करने के लिए सभी कागजातों के साथ अंचल कार्यालय में दिया था। लेकिन उसे कर्मचारी द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया।
इसके बाद खतियान सहित सभी कागजातों के साथ पूर्व सीओ प्रमोड कुमार के पास गया, उनके द्वारा सभी कागजातों की जांच के बाद पुनः कर्मचारी के लॉगिंग में ऑनलाइन के लिए भेजा गया।पत्र में आगे लिखा गया है कि लॉगिंग में आने के बाद कर्मचारी सीताराम बड़ाई द्वारा ऑनलाइन में 50 हजार रुपये खर्च होने की बात बताई गई। जब इतनी बड़ी धन राशि देने में असमर्थता जताई गई तो कर्मचारी द्वारा एक महीना सात दिन अपने लॉगिंग में रखने के बाद आवेदन को खारिज कर दिया।
पत्र में आगे कहा गया है कि बोदरा गांव में उनके गोतिया राजेश कुमार जो अपने हिस्से का पूरा जमीन बिक्री कर चुके हैं,वे कर्मचारी सीताराम से मिलकर मेरे हिस्से वाली बची हुई 05.65 एकड़ भूमि मेरे गोतिया राजेश कुमार को ऑनलाइन कर रहे हैं,और यह जांच का गंभीर विषय है,और उक्त भूमि मेरे पिता दीनानाथ साव के नाम से ख़ातियान में दर्ज है। पत्र में राजेश कुमार का ऑनलाइन होने की प्रक्रिया पर तत्काल रोकने की मांग की गई है। वहीं दूसरी ओर आवेदनकर्ता द्वारा न्यायालय का हवाला देते हुए खरसोता गांव की भूमि को भी ऑनलाइन करने तथा राजेश कुमार के दादा विश्वनाथ साव द्वारा अंचल कार्यालय में अपनी पहुंच एवं पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल कर अपने नाम कराई गई भूमि को भी खारिज करने की मांग की गई है और चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अगर इसपर गंभीरता से कार्रवाई नहीं हुई तो न्याय पाने के लिए अंचल कार्यालय के खिलाफ उच्चाधिकारियों एवं माननीय न्यायालय में जाने पर विवश होंगे।
इस संबंध में राजस्व कर्मचारी सीताराम बड़ाई ने पचास हजार रुपये मांगने के आरोप को गलत व झूठा बताया। और कहा कि संतोष कुमार एवं अनूप कुमार दोनों भाइयों द्वारा ऑनलाइन कराने के बाद उनकी भूमि पर उनके गोतिया राजेश कुमार द्वारा सीओ साहब को शिकायत पत्र देकर रोक लगाने की मांग की गई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों को नोटिस दिया गया थाऔर निर्धारित समय पर दोनों पक्षों के द्वारा कागजात दिखाने के बाद अंचलाधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया।